Friday, August 13, 2010

आप क्‍या लिख और पढ रहे हैं इन दिनों

सम्‍मानित जन
नमस्‍कार

आप इन दिनों क्‍या नया लिख ओर पढ रहे हैं मुझे अवश्‍य बताएं
मैने इस माह अभी तक हिमाचल मित्र, असिक्‍नी और सेतु पढी और तीनों में बहुत कुछ पाया हिमाचल मित्र का मुख पेज काफी सुंदर था और फोटो तो जीवंत ही थी
असिक्‍नी में प्रकाश बादल की गजलों ने मन के तारों को झंझोड कर रख दिया और सेतु में हिमाचल के लेखकों की कमी कुछ इस बार खलती रही
अरुण डोगरा

बिलासपुर में हिंदी पर कार्यशाला व कवि सम्‍मेलन

व्‍यास की धरा पर उतरा हिेदी का प्रोत्‍साहन और गूंजी कविता की स्‍वर लहरियां

बिलासपुर जिसे ऋषि व्‍यास की धरा कहा जाता है वहीं पर जिला भाषा संस्‍कृति विभाग ने एक हिंदी पर कार्यशाला तथा जिला स्‍तरीय कवि सम्‍मेलन का आयोजन करवाया । कर्मठ एवं क्रियाशील जिला भाषा अधिकारी डा: अनीता शर्मा की ही सोच थी कि किस तरह से पर्यावरण सावन और राजभाषा हिंदी को जोडा जाए। जिला मुख्‍यालय पर ही आईटीआईमें यह कार्यक्रम आयोजित किया बिलासपुर में अपनी तरह के इस कार्यक्रम में जहां जिलेभर से कर्मचारियों ने भाग लिया वहीं साहित्‍यकारों तथाआईटीआई के छात्र छात्राओं ने भी कार्यक्रम का पूरा आनंद उठाया। शिमला से विशेष रूप से भाषा विभाग द्वारा आमंत्रित किए गए वरिष्‍ठ साहित्‍यकार तथा कंप्‍यूटर विशेषज्ञ प्रकाश बादल ने अपनी प्रस्‍तुति में प्रोजेक्‍टर के माध्‍यम से हिंदी टायपिंग के बारे में विस्‍तार से जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से यूनीकोड के प्रयोग से हिंदी टायपिंग उनके लिए भी आसान हो जाती है जिन्‍हें हिंदी टाइप का क ख ग भी नहीं आता। आईटी आई के शिक्षक राज कुमार वर्मा के प्रश्‍न के जबाव में बादल ने बताया कि यूनीकोड को विश्‍व में मान्‍यता मिली हुई है और इंटरनेट की भाषा ही यूनीकोड है जिसे बिना फांट के टाइप किया जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि जिस तरह से हम अंग्रेजी में टाइप करते हैं उसी तरह से टाइप करना होता है लेकिन यूनीकोड उसे स्‍क्रीन पर हिंदी में बदल देता है। यह सुविधा की बोर्ड से टाइप करने वालों को भी उपलब्‍ध है। अध्‍यापक रवि सांख्‍यान ने भी इसका समर्थन किया। बादल ने इस अवसर पर कई जिज्ञासुओं को यूनीकोड के बारे में सिखाया।
इस आयोजन में हिंदी भाषा के दो टेस्‍ट भी भाषा विभाग ने रखे थे जिसके लिए पूरे जिले में 80 पत्र भिजवाए गए थे और सभी विभागों के कर्मचारियों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर हिदीं की शुद़धता तथा हिदी टाइपिंग की स्‍पीड दिखानी थी लेकिन हैरानी की बात तो यह रही कि कुल सात ही कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया जिसमें से दो तो आईटीआई के ही थे। भाषा विभाग इसके लिए प्रोत्‍साहन स्‍वरूप पुरस्‍कार भी देता है लेकिन 80 में से सात का आना अपने आप में ही कर्मचारियों के हिंदी प्रेम को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि जिले के वरिष्‍ठ कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्‍यम से सभागार में रौनक लगाए रखी। जिले के कवि सम्‍मेलन में भाग लेने वाले कवियों में के के शुक्‍ला, केएल दबडा, अनूप सिंह मस्‍ताना, सुशील पुंडीर, प्रकाश बादल, डा अनीता शर्मा, विवेक वात्‍सायन, एडी रीतू, विपिन चंदेल, जीतराम सुमन, प्रमिला भारद्वाज, डा लेखराम शर्मा, आनंद सोहर, प्रदीप गुप्‍ता, जावेद अख्‍तर ने कविताएं व गजलें सुनाई।
एक कमी खलती रही कि आईटीआई के छात्र छात्राओं में से किसी ने भी कविता सुनाने का प्रयास नहीं किया जबकि अगली बार के लिए कोशिश करने का आश्‍वासन छात्र छात्राओं की ओर से प्रधानाचार्य कुलदीप चडढा ने दिया। कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि जिला की सहायक आयुक्‍त उपायुक्‍त श्रीमती कुमुद सिंह थीं जिन्‍होंने भी अपने संबोधन के बाद कविता सुना कर सभी को आश्‍चर्य चकित कर दिया।
अरुण डोगरा रीतू